Budget 2025-26: इनकम टैक्स घटने की उम्मीद से उत्साहित हैं टैक्सपेयर्स, लेकिन इन देशों में तो टैक्स ही नहीं लगता है
Budget 2025-26: इनकम टैक्स घटने की उम्मीद से उत्साहित हैं टैक्सपेयर्स, लेकिन इन देशों में तो टैक्स ही नहीं लगता है
इंडिया में मिडिल क्लास पर टैक्स का काफी ज्यादा बोझ है। इसका असर कंजम्प्शन पर पड़ रहा है। लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे नहीं बच रहे हैं। इकोनॉमिस्ट्स ने सरकार को मिडिल क्लास पर टैक्स कम करने की सलाह दी है
टैक्सपेयर्स की नजरें 1 फरवरी को यूनियन बजट पर लगी हैं। उन्हें उम्मीद है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण उन्हें टैक्स में बड़ी राहत देंगी। अभी मिडिल क्लास पर टैक्स का काफी ज्यादा बोझ है। इसका असर कंजम्प्शन पर पड़ रहा है। लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे नहीं बच रहे हैं। इकोनॉमिस्ट्स ने सरकार को मिडिल क्लास पर टैक्स कम करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि इससे लोग ज्यादा खर्च करेंगे, जिसका इकोनॉमी की ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा।
इंडिया में कॉर्पोरेट टैक्स से ज्यादा है इनकम टैक्स
अगर वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को टैक्स घटाती हैं तो भी इंडिया सबसे ज्यादा टैक्स वाले देशों की लिस्ट में बना रहेगा। अभी इंडिया में सिर्फ 2.5-3 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री है। इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम वाले लोगों पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम वाले लोगों को 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है।
दुबई में नहीं लगता है इनकम टैक्स
दुनिया में ऐसे कई देश या शहर हैं. जहां टैक्स नहीं लगता है या नाममात्र का टैक्स लगता है। दुबई यूनाइटेड अरब अमिरात (UAE) का एक शहर है। टैक्स के लिहाज से इसे दुनिया के सबसे अट्रैक्टिव डेस्टिनेशन में से एक माना जाता है। इसकी वजह यह है कि यहां ज्यादातर बिजनेसेज को इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स से छूट मिलती है। यहां तक कि डिविडेंड और इंटरेस्ट इनकम पर भी टैक्स नहीं लगता है। लेकिन, ऑयल बिजनेस पर 55 फीसदी टैक्स लगता है। सरकार ने 2028 में वैट लागू किया था। इसके अलावा इंपोर्ट पर ड्यूटी चुकाना पड़ता है।
कतर के लोगों को भी नहीं चुकाना पड़ता है इनकम टैक्स
कतर में भी ज्यादातर बिजनेसेज को इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स से छूट हासिल है। हालांकि, यहां भी सरकार ने 2019 में वैट लागू किया था। लेकिन, इसका रेट सिर्फ 5 फीसदी है। टैक्स-फ्रेंडली होने के चलते दुनिया भर में कारोबार के लिहाज से कतर को काफी अट्रैक्टिव डेस्टिनेशन माना जाता है।
यह भी पढ़ें: Budget 2025: क्या निर्मला सीतारमण कैपिटल गॅस टैक्स के नियमों में बदलाव करने जा रही है?
सिंगापुर में टैक्स के रेट्स बहुत कम
सिंगापुर को भी टैक्स-फ्रेंडली कानूनों की वजह से कारोबार के लिए दुनिया के सबसे अट्रैक्टिव डेस्टिनेशन में से एक माना जाता है। यहां टैक्स के रेट काफी कम हैं। यहां कम इनकम वाले लोगों को कम टैक्स देना पड़ता है, जबकि ज्यादा इनकम वाले लोगों को ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ता है। टैक्स के रेट्स 0 से 22 फीसदी के बीच हैं। सालाना 3.20.000 लाख सिंगापुर डॉलर से ज्यादा इनकम वाले लोगों पर टैक्स लगता है। यहां कॉर्पोरेट टैक्स का रेट 17 फीसदी है। यहां कोई कैपिटल गेंस टैक्स नहीं लगता है।
Comments
Post a Comment